देश की जनता को एक बार फिर महंगाई से जूझना पड़ सकता है। डीजल व रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना है। डीजल और रसोई और गैस के दामों पर चर्चा के लिए पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी जीओएम की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार डीजल, एलपीजी और केरोसिन की कीमतों में वृद्घि कर सकती है। गौरतलब है कि क्रूड ऑयल महंगा होने से तेल कंपनियां घाटा उठा रही हैं। इसी कारण दामों में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। दूसरी ओर पेट्रोल के दाम बढ़ाने पर ऑयल सेक्रेटरी जीसी चतुर्वेदी ने बुधवार को कहा है कि पेट्रोल के दाम बढ़ाने का फैसला तेल कंपनियां ही ले सकती है। तेल कंपनियों के दबाव के बाद सरकार पेट्रोल के दाम 1.82 रुपये लीटर बढ़ा सकती है। इससे पहले 15 सितंबर को ही पेट्रोल के दाम 3.14 रुपये लीटर बढ़े थे। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल के दाम 66.84 रुपये लीटर है और अगर दाम बढ़ जाते हैं तो दिल्ली में पेट्रोल 68.66 रुपये लीटर होगा। पिछले एक साल में सरकार दस बार पेट्रोल के दाम बढ़ाकर आम आदमी कमर तोड़ चुकी है। डीजल और रसोई गैस के दामों में बढोतरी करने से क्या आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रर्दशन पर असर पड़ेगा? |
Wednesday 2 November 2011
रसोई गैस और डीजल भी महंगे होंगे
चीनी सीमा पर तैनात होंगे एक लाख भारतीय सैनिक
सूत्रों के अनुसार मौजूदा सैन्य दल में और एक लाख सैनिक भर्ती करने पर 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।
एक बार समिति द्वारा अनुमोदित हो जाने के बाद अप्रैल तक 12वीं पंचवर्षीय योजना के लागू होने के दौरान इसके बजट से सम्बंधित मुद्दे भी निपटा लिये जाएंगे।
लेकिन दूसरी ओर लद्दाख के लिए 10,000 सैनिकों की डिविजन का मामला अधर में रह जाएगा, और उसके बदले सेना को सिर्फ 5,000 सैनिकों के इनफैंट्री ब्रिगेड से ही संतोष करना पड़ेगा।
सीएनएन-आईबीएन को सूत्रों से पता चला है कि तोपची सैनिकों में भी बढ़ोतरी नहीं होने का अंदेशा है। हालांकि, लद्दाख में टैंक रेजिमेंट की संख्या में वृद्धि होना तय है और इस सिलसिले में प्रगति हो रही है। इसके अलावा, निर्माणाधीन न्योमा हवाईक्षेत्र से इस इलाके की सैन्य गतिशीलता और सैन्यतंत्र में बहुत महत्त्वपूर्ण सुधार होगा। कुछ मामलों में तो न्योमा में वायुसेना अपने सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान भी तैनात करवाएगी।
सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने कहा, “सड़कों की वजह से मुझे गतिशीलता मिलती है, नए सैन्य अड्डे मिलते हैं, सेना के निवास के लिए नए ठिकाने मिलते हैं और नए प्रशिक्षण क्षेत्र भी मिलते हैं। मेरा खयाल है कि इससे महत्त्वपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता और हमें इसी पर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए, हमें अपने सैनिकों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है।”इस बीच रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू ने चीन की ओर से किसी भी खतरे के संकेत का खंडन करते हुए कहा है कि मैं नहीं समझता कि हमें खासतौर से चीनी सीमा के पास सावधान रहने की जरूरत है। जहां तक हमारी सुरक्षा को लेकर खतरों की बात है, तो हम इसके लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं।”
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